June 19, 2025 6:54 PM

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65 करोड़ की लागत से विकसित होगी धार्मिक नगरी दियोटसिद्ध

  • दियोटसिद्ध – शहतलाई रोपवे से जोडऩे की है योजना, पर्यटन को मिलेगा बढ़ाबा
  • मुख्यमंत्री धार्मिक स्थलों को विकसित करने व पर्यटन को बढ़ाने का कर चुके है एलान
  • विधानसभा विस के दौरान विधायक लखनपाल भी उठा चुके है मामला

आवाज हिमाचल । हमीरपुर

विश्व विख्यात सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर को 65 करोड़ की लागत से विकसित किया जायेगा। बाबा बालक नाथ के दरबार दियोटसिद्ध मे पर्यटन को बढ़ावा मिले इसके लिए प्रदेश सरकार मंदिर को  रोप-वे से जोडऩे की योजना पर काम कर रही है। प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों की भांति दियोटसिद्ध मंदिर को शहतलाई तक रोप-वे से जोड़ा जाएगा। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी इस बात की मंच से घोषणा कर चुके है हालांकि  बरसात के दिनों मे प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के कारण इस प्रयोजन को अमलीजामा पहनाने मे थोड़ा बिलम्ब जरूर हुआ है, लेकिन दियोटसिद्ध को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और रोप-वे से जोडऩे की मनसा साफ है और आने वाले समय मे यहां श्रद्धांलुओं को सुविधा मिलना भी शुरू होगी। स्थानीय विधायक इंद्रदत्त लखनपाल भी दियोटसिद्ध मंदिर को विकसित करने के लिए विधानसभा सत्र के दौरान आबाज बुलंद कर चुके है और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ठाकुर भी प्रदेश के हर धार्मिक स्थल को विकसित करने के प्रयोजन को लेकर सार्थक कदम उठा रहे हैं। दीगर है कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध विश्व पटल पर धार्मिक स्थलों मे शुमार है और हर साल यहां करोड़ों श्रद्धालु देश विदेश से पंहुचते हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिला हमीरपुर के धौलगिरी पर्वत पर विराजमान बाल योगी बाबा बालक नाथ मंदिर से सरकार को भी हर साल श्रद्धालुओं से चढ़ाबे के रूप मे करोड़ो रूपये की आमदनी होती है, लेकिन करोड़ों रूपये की आमदनी के बाबजूद भी यहां पंहुचने वाले श्रद्धालुओं को वे तमाम सुविधाएं नहीं मिल पाती है जिनके वे असल में हकदार हैं। करीब दो दशक पहले दियोटसिद्ध को शहतलाई तक रोप-वे से जोडऩे की योजना बनी थी लेकिन शुरू मे यह योजना मंदिर मे अधिकारीयों के आया राम गया राम हाल मे सिरे नहीं चढ़ पाई लेकिन ज़ब इस योजना को अमलीजामा पहनाने का समय आया तो 9 बार टेंडर लगाने के बाद भी किसी कम्पनी ने आवेदन नहीं किया जिसके ओचे पिछली सरकारों का ढुलमुल रवैया भी एक बड़ा कारण रहा है और दूसरे शर्तों की जटलिता के कारण कोई भी कम्पनी इस कार्य के लिए आगे नहीं बढ़ पाई, लेकिन प्रदेश मे कांग्रेस सरकार बनने व हमीरपुर का मुख्यमंत्री होने के बाद दियोटसिद्ध-शाहतलाई तक रोप-वे बनने की आशीर्वाद एक बार फिर लोगों मे जग गई है। मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि प्रदेश के किसी भी धार्मिक स्थल को विकसित करने से पीछे नहीं रहने दिया जाएगा।

 

बड़सर विधानसभा मे स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के विकसित होने से जहां स्थानीय लोगों व युवाओं को रोजगार के साधन मिलेंगे वहीं पर्यटन की दृष्टि से विकसित होने के बाद विश्व सत्र पर इस धार्मिक स्थल का मान भी बढ़ेगा! दियोटसिद्ध मे तमाम सुविधाएं मुहैया होने से यहां पर्यटन की बड़ी संख्या मे चहल-कदमी बढ़ेगी, जिससे सरकार की आय मे भी निश्चित ही वृद्धि होगी और प्रदेश की आर्थिक स्तिथ मजबूत होगी। वर्तमान समय मे देश विदेश के कई श्रद्धालु सुविधाओं के अभाव के चलते यहाँ नहीं पंहुच पाते है लेकिन यदि धार्मिक नगरी दियोटसिद्ध को विकसित किया जाए और दियोटसिद्ध- शाहतलाई रोप-वे से जोड़ा जाए तो यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के आदेशों के बाद अधिकारीयों ने रोप-वे के लिए निरीक्षण प्रक्रिया को पूरा भी कर लिया है शीघ्र ही इस योजना को अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया को भी पूरा किया जायेगा।

 

धार्मिक नगरी दियोटसिद्ध को रोपवे से जोडऩे व विकसित किया जायेगा। विधानसभा विस के दौरान भी इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए अवाज बुलंद की गई है। मुख्यमंत्री भी इस योजना को लेकर गंभीर है। शीघ्र ही धार्मिक स्थल को विकसित करने का काम शुरू होगा इस काम पर करीब 65 करोड़ खर्च आने का अनुमान है।

इंद्रदत्त लखनपाल

विधायक, बड़सर विस।

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