June 26, 2025 9:42 PM

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दिव्य आदर्श स्कूल में वंचित वर्ग के लिए आरक्षित हैं सीटें

  • शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आरक्षित हैं 25 प्रतिशत सीटें
  • पहली कक्षा विशेष समूहों के बच्चे ले सकते हैं दाखिला

आवाज हिमाचल। हमीरपुर
शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत निजी स्कूलों में सामाजिक व आर्थिक रूप से वंचित बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। यह प्रावधान शिक्षा में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देने के लिए है। इसी कड़ी में दिव्य आदर्श विद्या पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल भोटा में भी वंचित वर्ग के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं। बता दें कि वंचित वर्गों और विशेष समूहों के बच्चे इन आरक्षित सीटों के लिए पात्र हैं। स्कूल किसी भी उम्मीदवार को दाखिला देने से इन्कार नहीं कर सकते हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों को सर्कुलर भी जारी किया गया है। इसी कड़ी में स्कूल की सीएमडी कंचन भारद्वाज ने बताया कि दिव्य आदर्श स्कूल में वंचित वर्ग के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। पहली कक्षा से विशेष समूहों के बच्चे दाखिला ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों को निजी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे इसके लिए सरकार द्वारा बेहतरीन प्रयास किया गया है। इसका उद्देश्य समाज में सामाजिक समावेशिता और समानता को बढ़ावा देना है। स्कूल प्रबंधन ने इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि स्कूल में 25 प्रतिशत सीटें पात्र बच्चों के लिए आरक्षित करने के साथ-साथ पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है। यदि आवेदन 25 प्रतिशत से अधिक छात्रों द्वारा किया जाता है तब लॉटरी आधारित प्रवेश प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया आरंभ होने वाली है। उन्होंने अभिभावकों का आह्वान किया कि वह स्कूल की प्रवेश प्रक्रिया का हिस्सा बनें।

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हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। इस आरक्षण का मकसद शिक्षा में समानता और समावेश बढ़ाना है। वंचित वर्गों और विशेष समूहों के बच्चे इन आरक्षित सीटों के लिए पात्र होंगे। स्कूल किसी भी उम्मीदवार को दाखिला देने से मना नहीं कर सकते हैं। अगर किसी स्कूल को आरक्षित सीटों से ज़्यादा आवेदन मिलते हैं, तो लॉटरी के जरिए बच्चों का दाखिला तय किया जाएगा। अगर कोई स्कूल संचालक बच्चे को दाखिला देने से मना करता है, तो अभिभावक बीईओ से शिकायत कर सकते हैं। बीईओ, बच्चों का दाखिला उनके पसंदीदा निजी स्कूल में करवाने की व्यवस्था करेंगे।

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दिव्य आदर्श विद्या पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल भोटा में भी वंचित वर्ग के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। पहली कक्षा से विशेष समूहों के बच्चे दाखिला ले सकते हैं। वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों को निजी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे इसके लिए सरकार द्वारा बेहतरीन प्रयास किया गया है।

कंचन भारद्वाज,
सीएमडी, दिव्य आदर्श स्कूल भोटा।

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