- संत समाज की उपस्थिति में झंडा रस्म अदायगी के साथ शुरू होगा समारोह
- बरसी मेले की तैयारियों में जुटा महंत आवास प्रशासन
आवाज हिमाचल। हमीरपुर
देवभूमि हिमाचल के हमीरपुर जिला के धौलगिरी पर्वत के सुरम्य शिखर पर स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान सिद्ध बाल योगी बाबा बालक नाथ के दरबार में 19 फरवरी को ब्रह्मलीन महंत शिव गिर महाराज की 21वीं बरसीं के उपलक्ष्य पर विशाल चौकी व अटूट भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। महंत आवास पर आयोजित इस बरसीं मेले में गुरु परंपरा के मुताबिक संत समाज की उपस्थिति में सुबह 10 बजे झंडा रस्म की अदायगी होगी। जिसके लिए विभिन्न मठों व मंदिरों के महंतों व संतो को आमंत्रित किया गया है। मेले के दौरान बाबा जी की चौकी जोकि सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। चौकी दौरान पंजाब और हिमाचल के प्रसिद्ध गायक अपनी मधुर आवाज से बाबा के भजनों का गुणगान करेंगे। बरसीं मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए महंत आवास प्रशासन जोरों शोरों से तैयारियों में जुटा हुआ है। हर साल की भांति देश-विदेश में बैठे बाबा जी के अनन्य भक्त यहां पहुंच कर पुण्य अर्जित करते हैं।
गोरख ग्रंथों व प्राचीन सिद्ध उल्लेखों के मुताबिक बाल योगी बाबा बालक नाथ गुजरात के कठियाबाड़ से हिमाचल प्रदेश के शाहतलाई पहुंचे थे। जहां 12 सालों तक अपनी सिद्ध लीलाओं में मस्त रहने के बाद गुरु गोरखनाथ से हुए संघर्ष लीलाओं व माता रत्नों के ताने-मेहणों की लीला से आहत होकर दियोटसिद्ध पहुंचे जहां दियोट नामक राक्षक से गुफा को खाली करवा कर रहने लगे। यह घटना 6-7वीं शताब्दी की मानी जाती है। उस समय धरती पर साईपा व लूईपा सभ्यताओं का प्रचलन था। उस अखंड काल से लेकर अब तक चौदह सौ सालों से अधिक समय से गुरु शिष्य की परंपराओं में यह प्रसिद्ध गद्दी चली आ रही है। जिसपर वर्तमान में 14वें महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिर महाराज गद्दीनसीन हैं।
19 फरवरी को सिद्धगद्दी परंपराओं के अनुसार ब्रह्मलीन महंत शिव गिर महाराज की 21वीं बरसीं मनाई जाएगी। सुबह 10 बजे संत समाज की उपस्थिति में झंडा रस्म की अदायगी के साथ बरसीं मेला शुरू होगा। देश-विदेश में बैठे बाबा जी के सभी भक्तों से आग्रह है कि वह बरसीं मेले में आकर पुण्य अर्जित करें और मंदिर न्यास प्रशासन के नियमों का पालन करें।
महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिर महाराज,
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध।