मामले की हुई शिकायत विजिलेंस विभाग के प्रमुख को
आवाज हिमाचल। हमीरपुर
बड़सर की पाहलु ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार के आरोप थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। करीब 12 लाख की लागत से शुक्कर खड्ड पर बने चेकडैम पर भ्रष्टाचार के आरोपों की चर्चा खत्म नहीं हुई है कि अब मनरेगा के कार्यों में भ्रष्टाचार की चर्चा चल निकली है। विकास खण्ड बिझड़ी के सरकारी हवाले के मुताबिक पाहलु ग्राम पंचायत में 25 लाख से ज्यादा के काम मनरेगा के अंतर्गत चले हुए हैं जबकि निजी कुएं व अन्य सार्वजनिक काम भी इसके अलावा मनरेगा के माध्यम से हो रहे हैं। पूर्व बीडीसी सदस्य सलोचना ठाकुर ने आरोप जड़ा है कि ग्राम पंचायत में चले मनरेगा के कार्यों में भ्रष्टाचार के लिए अब नई तकनीक इजाद की गई है। बैनिफिशयरी व अन्य स्थानीय लोगों के नाम पर जारी मस्टरोलों पर सिर्फ बायोमिट्रिक हाजिरी लगवाने का काम हो रहा है जबकि वास्तव में यह निर्माण कार्य बाहरी प्रांतों के लेबर ठेकेदार ठेके पर कर रहे हैं। अगर सरकारी एजेंसियां जांच करें तो मौके पर यह भ्रष्टाचार की स्थिति सामने आ जाएगी। इसके अतिरिक्त जब खुद ही पंचायत प्रतिनिधि शुक्कर खड्ड में पंचायती निर्माण कार्यों के लिए अवैध खनन कर रहे हैं जिस पर भी लगाम लगनी चाहिए। इस संदर्भ में प्रमुख शिकायत विजिलेंस विभाग प्रमुख को भी भेजी गई है कि किस तरह मनरेगा के कामों में धांधली करके स्वयं पंचायती प्रतिनिधि ही भ्रष्टाचार की चांदी कूट रहे हैं।